कल मिला पर
कुछ नहीं कहा उसने।
मौसम, बारिश, दुनियादारी
सबकी बातें हुईं
फिर मुस्कुरा कर ,
हाथ हिला कर
अपनी अपनी राह चले हम।
पर उसकी यहाँ से वहाँ तक
फैली मुस्कुराहट,
ना उसकी आँखों तक पहुँची
ना मेरे दिल तक।
बज रही है उसकी
खामोशी किसी
अनावृत्त सत्य की तरह
अब भी मेरे कानों में।
स्वाती
Very nice Swati . Keep em coming
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very nice
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