आए दिन के बंद से कुछ हासिल नहीं होते दिखता कोई एक दिन देख लीजिए चालू भी आयोजित कर। उसे लगाएं दो जूते और जोत दीजिए कोल्हू में जो भी निठल्ला बिना काम का खाली बैठा आए नज़र। कब तक चक्के जाम करेंगे, ठप्प करेंगे काम काज किसी एक दिन चलने भी दें सारे चक्के आठ प्रहर। तोड़ फोड़ की राजनीति से नहीं हो रहा कुछ भी भला फेल हो रहा है वो तरीका अब देखें ये भी आज़मा कर ।
Very pathetic and true
LikeLike
nicely put!
LikeLike